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मार्च, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

प्रेरक प्रसंग : वास्तविक गरीबी

एक गरीब आदमी ने भगवान से पूछा : "मैं इतना  गरीब क्यों  हूँ?", भगवान  ने कहा : "तुम गरीब हो क्योंकि तुमने देना नहीं सीखा." ! गरीब आदमी ने कहा : "परन्तु मेरे पास तो देने के लिए कुछ भी नहीं है"। भगवान ने कहा :  "तुम्हारा चेहरा: एक मुस्कान दे सकता है. तुम्हारा मुँह: किसी की प्रशंसा कर सकता है या दूसरों को सुकून पहुंचाने के लिए दो मीठे बोल बोल सकता है, तुम्हारे हाथ: किसी ज़रूरतमंद की सहायता कर सकते हैं. . .  और तुम कहते हो तुम्हारे पास देने के लिए कुछ भी नहीं ? !! आत्मा की गरीबी ही वास्तविक गरीबी है. पाने का हक उसी को है . . . जो देना जानता है ....!

प्रेरक प्रसंग : याचक बना धनवान

एक सुदृढ़ एवं तरूण भिखारी किसी धनिक के पास जाकर भीख माँगने लगा। धनिक ने जब पुछताछ की तो उसे पता चला कि भिखारी के पास दो भिक्षापात्र और एक गुदडी़ है। धनिक ने उसे कहा कि “में जैसा कहूँ यदि तुम वैसा करो, तो मैं तुम्हारी मदद अवश्य करूँगा।” भिखारी ने उसे स्वीकार किया। धनिक के कथनानुसार वह बाजार में गया और दोनों भिक्षापात्रों को बेचकर जो पैसे मिले उनसे एक कुल्हाड़ी और खाने के कुछ पदार्थ ले आया। धनिक ने उसे कहा- “अब तुम पेटभर भोजन करो। इस  कुल्हाड़ी को लेकर रोज जंगल में जाया करो और लकड़ियाँ तोड़कर लाया करो। उन्हें बेचकर अपना पेट भरा करो।” धनिक ने उस भिखारी को स्वावलंबन का पाठ सिखा दिया। अब वह भिखारी भिखारी नहीं रहा। उसके भीख माँगने के दिन समाप्त हो गये। याचक की तरह दीन बन कर किसी के मुँह की ओर ताकने की उसे आवश्यकता नहीं रही। अब वह आनंदपूर्ण जीवन जीने लगा। उसकी स्थिति सुधर गयी। अब वह धनवान बन गया। हमारे पास पाँच इंद्रियों के पाँच कटोरे हैं। उन्हें लेकर घूमने की, उनके लिए याचना करने की हमारी आदत बन गयी है, इसलिए अपने आत्म वैभव को जानने की दिशा में हम अंध बन गये हैं। शरीर के अतिरिक्त अन्य कुछ है ही

प्रेरक प्रसंग : मिट्टी के पर्वत

एक राजा था। दातृत्व के लिए बडा ही मशहूर था। उसके पास गया हुआ याचक संतुष्ट होकर ही लौटता था। एक दिन एक संन्यासी उसके पास आया और इच्छित माँगने लगा। राजा ने कहा, यह तो कोई दान करने का समय नहीं, आप बाद में आइए। संन्यासी ने कहा- जब, जिसे, जो चाहिए वह दे देना ही सच्चा दातृत्व कहलाता है, समय निकल जाने के बाद दान देने से क्या लाभ..? दान स्वीकारने से पहले ही यदि याचक मर गया तो..? संन्यासी के ये शब्द सुनकर राजा क्रोधाविष्ट हो गया और उसने झट से उसकी झोली में मिट्टी डाल दी और कहा की, यह लो दान। संन्यासी ने आशीर्वाद दिया, तेरी मिट्टी इसी तरह वृद्धि प्राप्त करती रहे। क्रोध का फल तुरंत मिल जाता है। तो फिर राज्य में मिट्टी के पर्वत बढने लगे। आने-जाने के मार्ग कठिन बनते गये। सर्वत्र धूलि होने लगी। राजा त्रस्त हो गया। ज्योतिषी ने बताया, यदि राजा की निंदा होने लगे तभी ये मिट्टी के पर्वत कम होते जायेंगे, लेकिन राजा तो प्रशंसनीय ही था। उसकी निंदा होना असंभव था। फिर क्या; निंदा हो, इसलिये झूठे नाटक रचाने पडे़ और मिट्टी के पर्वत धीरे धीरे कम होते गये। सचमुच ऐसा आशीर्वाद कौन स्वीकार कर सकता है..? राग-द्वेष

Android मोबाइल पर हिन्दी कैसे टाइप करे

दोस्तों, पिछली पोस्ट में हमने PC कम्प्यूटर पर हिन्दी में टाइप करने के बारे में जाना. अगर आप अपने एंड्राइड मोबाईल डिवाइस पर हिंदी में टाइप करना चाहते है तो वो हम आपको आज यहाँ बता रहे है. इसके लिए आपको Google Indic keyboard नाम की app चाहिए जो कि अभी वर्तमान में English keyboard के साथ साथ निम्न भाषाओं में आसानी से टाइप करने की सुविधा देता है।  - Assamese keyboard (অসমীয়া)  - Bengali keyboard (বাংলা)  - Gujarati keyboard (ગુજરાતી)  - Hindi keyboard (हिंदी)  - Kannada keyboard (ಕನ್ನಡ)  - Malayalam keyboard (മലയാളം)  - Marathi keyboard (मराठी)  - Odia keyboard (ଓଡ଼ିଆ)  - Punjabi keyboard (ਪੰਜਾਬੀ)  - Tamil keyboard (தமிழ்)  - Telugu keyboard (తెలుగు) तो आइए जानते है क्या करना होगा हमे मोबाइल पर भारतीय भाषाओं में टाइप करने के लिए । सबसे पहले अपने एंड्राइड डिवाइस पर PLAY STORE से Google Hindi Indic keyboard नामक एप्प इंस्टाल कर ले.   Android 5.x एवं उससे नए संस्करण versions के लिए :  फोन की Settings में जाएं । वहा Language & Input में  “KEYBOARD & INPUT METHODS